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              एक घर के मोबाइल नम्बर पर “रॉंग नम्बर” से कॉल आई.. घर की एक औरत ने कॉल रिसीव की तो सामने से किसी अनजान शख्स की आवाज़ सुनकर उसने कहा ‘सॉरी रॉंग नम्बर’ और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.. उधर कॉल करने वाले ने जब आवाज़ सुनी तो वो समझ गया कि ये नम्बर किसी लड़की का है, अब तो कॉल करने वाला लगातार रिडाइल करता रहता है पर वो औरत कॉल रिसीव न करती। फिर मैसेज का सिलसिला शुरू हो गया जानू बात करो न!! मोबाइल क्यूँ रिसीव नहीं करती..? एक बार बात कर लो यार! उस औरत की सास बहुत मक्कार और झगड़ालू थी.. इस वाक़ये के अगले दिन जब मोबाइल की रिंग टोन बजी तो सास ने रिसीव कर लिया.. सामने से उस लड़के की आवाज़ सुनकर वो शॉक्ड रह गई, लड़का बार बार कहता रहा कि जानू! मुझसे बात क्यूँ नहीं कर रही, मेरी बात तो सुनो प्लीज़, तुम्हारी आवाज़ ने मुझे पागल कर दिया है, वगैरह वगैरह… सास ने ख़ामोशी से सुनकर मोबाइल बंद कर दिया जब रात को उसका बेटा घर आया तो उसे अकेले में बुलाकर बहू पर बदचलनी और अंजान लड़के से फोन पर बात करने का इलज़ाम लगाया.. पति ने तुरन्त बीवी को बुलाकर बुरी तरह मारना शुरू कर दिया, जब वो उसे बुरी तरह पीट च

किसान आंदोलन मार्मिक कहानी

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 मंडी में किसान अपना माल फैला कर एक कोना में हाथ बांध कर मज़दूरों की तरह बैठ जाता है। और बार बार मंडी के दलाल से विनती करता रहता है कि साहब मेरे माल की भी बोली लगवा दो। दलाल:- रुक जा , देख नही रहा, कितने लोग है  लाइन में। किसान:चुपचाप एक कोने में बैठा, थोड़ी देर में फिर दलाल के पास जकर बोलता है, साहब अब तो देखलो। तभी दलाल किसान पर एहसान जताते हुए आता है और एक मुठी अनाज अपने हाथ मे लेकर बोलता है, उफ्फ इस बार फिर सी ग्रेड का माल ले आया। किसान :- जो भी है साहब ये ही है। दलाल:- ठीक है अभी देखता हूँ ,50 रुपये सस्ते में जायेगा पर ये माल। किसान:- जैसा भी आप सही समझो साहब। थोड़ी देर में दलाल आता है और उसका माल उठवाता है। दलाल:- कुल 18 कुंटल माल बैठा है। किसान:- पर साहब घर से तो 20 कुंटल तोल कर लाया था। दलाल:- तेरे सामने ही तो तोला है, मैं थोड़े ही खा गया 2 कुंटल माल। बता पैसे अभी लेगा या बाद में लेकर जाएगा। किसान:- अभी देदो साहब ,घर मे बहुत जरूरत है। दलाल:- पैसे गिनते हुए,इसमे 5% कमिसन कट गया, 9% मंडी का टैक्स। 200 रुपए सफाई वाली के, 1000 रुपये बेलदार के। 200 रुपये चौकीदार भी मांगेंगे। 500 रुपये क

एक तू ही तो थी!

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तेरी बिदाई के बाद घर आँगन का सूना सा हो जाना,  मेरा कुछ खो सा गया है, ये अह्सास मुझको होना..!  ये अह्सास दिलाता है कि तू मेरे लिए कितनी important थी,  घर में मुझे समझने वाली  एक तू ही तो थी..!!  मेरी खुशियों मे मुझसे भी ज्यादा तेरा खुश होना,  और मेरे तकलीफ में मुझसे ज्यादा तेरी आंखे नम होना..!  मुझसे छोटी छोटी बातों पे लड़ना, फिर कुछ देर बाद खुद ही आ के sorry बोलना..!! ये अह्सास दिलाता है कि तू मेरे लिए कितनी important थी,  घर में मुझे समझने वाली  एक तू ही तो थी..!! बचपन मे मुझसे कोई गलती हो जाए, तो तेरा खुद ही मुझे डांट देना,  पापा की मार से तेरा हर बार मुझे बचा लेना..!  मेरी जरूरतों के लिए पापा से तेरा लड़ना,  मेरी भी जरूरत की बातेँ पापा से तेरा कहना..!!  ये अह्सास दिलाता है कि तू मेरे लिए कितनी important थी,  घर में मुझे समझने वाली एक  एक तू ही तो थी..!!   तुझसे कभी 50 रुपये मांगू तो तेरा गुस्से से नहीं है कहना..  और फिर चुपके से मेरे शर्ट की जेब मे तेरा वो 100 रुपये रखना..!  मेरी छोटी छोटी जरूरतों का ख्याल रखना  फिर उन्हें पूरा करना..!! ये अह्सास दिलाता है कि तू मेरे लिए कितनी impo

भोंदू राम का तबेला

सुबह सुबह न्यूज की खोज में एक न्यूज रिपोर्टर अपने कैमरामैन के साथ एक गांव में चले जाता है, तभी उसकी नजर एक तबेले पे पड़ती है जहा बड़े बड़े शब्दों में लिखा होता है, भोंदू राम का तबेला। ये देख न्यूज रिपोर्टर उस तबेले कि तरफ बढ़ जाता है। अंदर जाता है जहा भोंदू राम अपनी चारपाई पे लेट के बीड़ी पिता रहता है। रिपोर्टर- राम राम भोंदू राम जी (हाथ जोड़ के) भोंदू राम- राम राम भाई, कोन हो तुम कहा से आए हो? रिपोर्टर- भोंदू राम जी, मेरा नाम सचिन है, और मै एक न्यूज रिपोर्टर हूं, और ये मेरा कैमरामैन भुलकड़ दास है। भोंदू राम- अच्छा बताओ क्या काम है? रिपोर्टर- कुछ नहीं बस आपसे कुछ सवाल पूछना है आपके भैस के बारे में भोंदू राम- भैस के बारे में..? रिपोर्टर- हा भोंदू राम- ठीक है पूछो रिपोर्टर- भूलकड़ कैमरा निकाल भूलकड़ दास- जी भैया निकाल लिए रिपोर्टर- हा तो शुरू हो जा। रिपोर्टर- हा तो भोंदू राम जी जरा बताइएगा की आपकी भैस क्या खती है..? भोंदू राम- (दो भैंसो की तरफ इशारा कर के) ई वाली की ऊ वाली..? रिपोर्टर- (थोड़ा सोच में पड़ते हुवे, एक भैस की तरफ इशारा करते हुवे) ई वाली.. भोंदू राम- ई वाल
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शायरी

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माँ का आँचल

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                                       माँ का आंचल सारी दुनिया से जो बचाए वो आंचल है मेरी माँ का! सारी बलाओ से जो बचाए वो आंचल है मेरी माँ का!! जलती धूप में जो शीतल छाव सा हो वो आंचल है मेरी माँ का! कड़कती बिजली से जो छुपाए वो आंचल है मेरी माँ का!! यूं तो पापा का प्यार कम नहीं... यूं तो पापा का प्यार कम नहीं! मगर जिसमें स्नेह का सागर है वो आंचल है मेरी माँ का!! तकलीफों में जो सहारा बना वो आंचल है मेरी माँ का! हर ग़म में जो किनारा बना वो आंचल है मेरी माँ का!! इस स्वार्थ भारी दुनिया में, निस्वार्थ कुछ है तो वो आंचल है मेरी माँ का! मेरे लिए भगवान से बढ़कर कुछ है तो वो आंचल है मेरी माँ का!!
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